खतोली का युद्ध II HISTORY INDUS II

तोली का युद्ध



1518 में इब्राहिम लोदी के अधीन लोदी वंश और मेवाड़ के शक्तिशाली राजपूत राजा राणा सांगा के बीच लड़ाई हुई, जब महाराणा सांगा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश  में अपना राज्य बढ़ाया और सुल्तान पर हमला करने की धमकी दी। जल्द ही सुल्तान इब्राहिम लोदी 1518 में सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद सिंहासन पर चढ़ गया।



राणा साँगा के अतिक्रमण की खबरें उस तक पहुँचते ही वह अपने रईसों का विद्रोह करने में लगे हुए थे। उसने एक सेना तैयार की और मेवाड़ के खिलाफ मार्च किया। महाराणा उनसे मिलने के लिए आगे बढ़े और दोनों सेनाएँ हरवती की सीमाओं पर खतोली गाँव के पास मिलीं। दिल्ली की सेना राजपूत के हमले को बर्दाश्त नहीं कर सकी और पांच घंटे तक चली लड़ाई के बाद सुल्तान की सेना ने रास्ता दिया और उसके बाद सुल्तान खुद लोदी राजकुमार को कैदी संग के हाथों छोड़ कर भाग गया। फिरौती के भुगतान के कुछ दिनों बाद राजकुमार को छोड़ दिया गया। इस लड़ाई में महाराणा ने तलवार की धार से एक हाथ खो दिया और एक तीर ने उन्हें जीवन भर के लिए लंगड़ा कर दिया


THANKING YOU
HISTORY INDUS


Previous
Next Post »